मतदान केवल अधिकार नहीं, अपितु नागरिक धर्म है ::- डॉ.रामसेवक झा
मतदान संकल्प पत्र के साथ लोगों को जागरूक करते डॉ.रामसेवक झा
मधुबनी
लोकतंत्र के इस महापर्व बिहार विधानसभा चुनाव -2025 को सफल बनाने हेतु समाज में जागरूकता का संचार करने के लिए शिक्षाविद् एवं समाजसेवी डॉ. रामसेवक झा ने एक अनोखी पहल की है। उन्होंने संस्कृत भाषा के माध्यम से एक प्रेरणादायी अभियान “मतदानं विधीयताम्” (अर्थात् “मतदान किया जाए”) का शुभारंभ किया है, जिसके द्वारा वे जन-जन को अपने मताधिकार के प्रयोग के लिए प्रेरित कर रहे हैं।डॉ. झा का कहना है कि — मतदान केवल अधिकार नहीं, अपितु नागरिक धर्म है। राष्ट्र तथा राज्य की दिशा तय करने में प्रत्येक मत का योगदान अमूल्य होता है। इसलिए प्रत्येक नागरिक को अपने मत का प्रयोग शत-प्रतिशत करना चाहिए।विगत एक सप्ताह से डा.झा द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर संस्कृत में प्रेरणादायक सुक्तियों के माध्यम से लोकतंत्र के महापर्व मतदान में अनिवार्य रूप से भाग लेने का आह्वान कर रहे हैं। साथ ही जिले के विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों, पंचायतों एवं सार्वजनिक स्थलों पर अभियान चलाकर मतदान में स्वयं एवं अपने परिवार के लोगों को अनिवार्य रूप से सम्मिलित होने का आग्रह कर रहे हैं।साथ ही विभिन्न संस्थाओं के कर्मियों को मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश जानकारी देते हुए 6अथवा 11 नवंबर को अपने विधानसभा पहुंचकर मतदान करने की जानकारी देते हैं। लोगों को संस्कृत के माध्यम से मतदान के प्रति जागरूक करने का यह प्रयास विशेष ध्यान आकर्षित कर रहा है। संस्कृत वाक्य “मतदानं विधीयताम्” अब लोगों की जुबान पर है, जो एक सांस्कृतिक और शैक्षणिक रंग के साथ लोकजागरण का रूप ले रहा हैउन्होंने कहा —संस्कृत हमारी परंपरा की आत्मा है। यदि सामाजिक संदेश संस्कृत में दिया जाए तो वह न केवल प्रभावी होता है बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना को भी सशक्त करता है।
