December 5, 2025

सूचना भवन स्थित मीडिया  सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कक्ष के वार रूम से 24 घंटे इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया पर रखी जायेगी नजर, ः- डीएम

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कार्यालय का उद्घाटन करते जिलाधिकारी 
मधुबनी
सूचना भवन, मधुबनी में मीडिया प्रबंधन एवं एमसीएमसी कोषांग के तहत मीडिया एवम सोशल मीडिया  मॉनिटरिंग कक्ष (वार रूम) का उद्घाटन डीएम सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी आनंद शर्मा ने किया। यह मॉनिटरिंग कक्ष 24 घंटे कार्य करेगा। इस कक्ष में चार टीवी सेट डिश कनेक्शन के साथ लगाए गए है, जिसपर चलने वाले राजनीतिक विज्ञापनो एवं खबरों पर 24 घण्टे नजर रखी जायेगी।  सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग के लिए लैपटॉप एवं इंटरनेट की सुविधा के साथ मॉनिटरिंग हेतू टीम अलग-अलग शिफ्ट में कार्य करेगी,जो चल रही खबरो,विज्ञापनों ,पेड न्यूज आदि पर नजर रखेगी एवं आवश्यकता पड़ने पर उसकी रिकॉर्डिंग कर वरीय अधिकारी को आवश्यक करवाई हेतू सूचित करेगी। जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी आनंद शर्मा  ने मीडिया को संबोधित करते हुए  बताया कि बिहार विधान सभा आम निर्वाचन 2025 में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणीकरण और  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यथा:     व्हाटएप्स न्यूज़ ग्रुप, फेसबुक पेज ,न्यूज़ पोर्टल,केबल टीवी,यूट्यूब चैनल पर नजर रखने के लिए एमसीएमसी कमिटी मुस्तैदी से कार्य करना प्रारंभ कर चुकी है। जिला एमसीएमसी कमिटी के पदेन सचिव जिला जनसंपर्क अधिकारी है। उन्होंने कहा कि इस बार के विधान सभा चुनाव में सोशल मीडिया को स्कैनिंग करने हेतु एमसीएमसी कमेटी को सहयोग करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया एक्सपोर्ट भी रहेंगे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया एवं इंटरनेट मैसेंजर, स्मार्टफोन एप्लीकेशन के आगमन से बड़े स्तर पर संचार में सुविधा हो रही है परंतु उपयुक्त प्लेटफार्म का *निर्वाचनों की अवधि के दौरान पेड न्यूज़, फेक न्यूज़, गलत सूचना और मिथ्या सूचना के लिए दुरुपयोग करने पर विधि सम्मत कार्रवाई भी की जाएगी* । *उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रचार अभियान से संबंधित विधिक उपबंध  सोशल मीडिया पर भी उसी तरह से लागू होते हैं जैसे  मीडिया के अन्य रूपों पर लागू होते हैं। गलत सूचना ,हेट स्पीच एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप, जाति ,धर्म ,वर्ग, भाषा के आधार पर प्रचार- प्रचार कर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करना आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन माना जाएगा। एमसीएमसी कमिटी इन बिंदुओं के आलोक में फेक और पेड न्यूज़ के प्रसारण,प्रकाशन पर गहरी नजर रखेगी,साथ ही इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्ण प्रमाणीकरण एमसीएमसी के माध्यम से कराना भी अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य होगा। यह स्पष्ट है कि  कोई न्यूज़ यदि पेड़ न्यूज़ साबित होता है तो कमेटी की अनुशंसा पर आर०ओ द्वारा अग्रेतर करवाई हेतु संबंधित को नोटिस किया जाएगा। साथ ही पेड न्यूज़ साबित होने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 171 (ज) के उल्लंघन के लिए प्रकाशन के अभियोजन हेतु कार्रवाई भी की जा सकती है।

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