यदि नियत अच्छी हो तो बरकत होनी ही है;;- आयुक्त
दीप जला कर उद्घटन करते कमिशनर
बेनीपट्टी
एसके चौधरी शिक्षा न्यास द्वारा संचालित बेनीपट्टी प्रखंड के कृषि विज्ञान केंद्र चानपुरा बसैठ में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन विषय पर प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के बीच प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। इस विषय पर नए बैच के प्रशिक्षुओं के बीच प्रशिक्षण प्रारंभ किये गए एवं मिथिला सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी संघ दरभंगा द्वारा को-ऑपरेटिव संस्थाओं से संबंधित कार्यक्रम का भी आयोजन शुक्रवार को किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में दरभंगा के प्रमंडलीय आयुक्त कौशल किशोर, भारत के नामचीन शिक्षा न्यासी सह उक्त संस्थान के अध्यक्ष डॉ. संत कुमार चौधरी, इंजीनियरिंग कॉलेज दरभंगा के प्रधानाचार्य डॉ. संदीप तिवारी, श्यामा मंदिर के न्यासी डॉ. संतोष पासवान आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। शिक्षा न्यासी डॉ. चौधरी ने कमिश्नर को मिथिला परंपरा के अनुसार पाग-डोप्टा व मखाना का माला एवं अन्य आगंतुक अतिथियों को पाग-डोप्टा से सम्मानित किया। इस मौके पर अपने संबोधन में कमिश्नर ने कहा कि उन्होंने कई अन्य केवीके को भी देखा है। लेकिन, यह केवीके सुव्यवस्थित है। यदि नियत अच्छी हो तो बरकत होनी ही है। इस संस्थान व इसके न्यासी की प्रगति व उन्नति की कामना वो करते हैं। कृषि को सबसे उत्तम माना जाता है। लेकिन, कृषि के माध्यम से लोग अपनी जीविका की भरपाई जो पहले कर पाते थे उसमें वर्तमान में कुछ समस्याएं आई है। कृषि में अज्ञानता या लालच के कारण जमीन की उर्वरता प्रभावित हुई है। जैविक खाद आदि का प्रयोग अच्छा है। कृषि में पुरानी ज्ञान, वैभव व नियत को पुनः लाने की जरूरत है। कृषक अपनी उद्धमिता से आगे बढ़ें। बिहार के बेगूसराय में मोती और सेब की खेती उन्होंने देखी है। उत्तर बिहार जैसी जमीन और पानी दक्षिण बिहार में नहीं है। इसलिए खेती-किसानी में नई चीजें भविष्य बना सकती है। गेहूं-धान के अलावे लोग नई चीजों की भी खेती करें। किसानों को अपनी धरती व रूट को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए। एक पैर धरती और एक पैर हवा में रहना चाहिए। मिथिला क्षेत्र जागरण स्थान है। इसलिए, हरेक क्षेत्र में बैलेंस बनाकर चलने की जरूरत है। यहां प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थी सीखे चीजों को व्यवहार में उतारकर बांटे। अपने अध्यक्षीय संबोधन में शिक्षा न्यासी डॉ. संत कुमार चौधरी ने कहा कि अभी जो यंत्र टेक्नोलॉजी में आगे है वह युग जीत सकता है। शिक्षा हमारी जननी है। हम देश के 7 राज्यों में शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि व स्वास्थ्य के क्षेत्र में 51 से अधिक संस्था चलाकर देश सेवा कर रहे हैं। यूरोपियन यूनियन में 100 सालों में मात्र 10 को डिलीट मिला है जिसमें 7वें स्थान पर हम भी हैं। आने वाले समय में हमारा ग्रुप 101 संस्था पर पहुंचकर देश सेवा करेगा। अन्न ब्रम्ह है तो अन्नदाता ब्रम्हा हैं। डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि मेंटल बढ़ाने की जरूरत है। यदि जीवन में संघर्ष है तो मुस्कुराकर आगे बढ़ें। क्योंकि, स्ट्रगल के समय ईश्वर की ट्रेनिंग होती है। गोल को चुनकर कार्य करें। कमिश्नर के हाथों उक्त विषय पर प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के बीच प्रमाण पत्र वितरण किया गया। कार्यक्रम में रविशंकर, डॉ. विनायक, सुभाष चौधरी, एमके ठाकुर, बीडीओ महेश्वर पंडित, बेनीपट्टी के थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर शिव शरण साह, संस्थान के वरीय कृषि वैज्ञानिक मंगलानंद झा, प्रमोद कुमार झा, ईश्वरचंद्र झा आदि ने भाग लिया।
