मिथिला के ग्रामीण क्षेत्रों में हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई मधुश्रावणी महापर्व
टेमी दागती नव विवाहित को
अड़रियासंग्राम
मिथिला के ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को नवविवाहितों का महापर्व हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया । इस शुभ अवसर पर पवनैतीनो ने 13 दिनों तक लगातार व्रत रखकर मधुश्रावणी पूजा की । मधुश्रावणी पूजा व्रत कथा के संपादक कुमकुम कुमारी के मुताबिक मिथिला की सांस्कृतिक जीवमे और पावनितिहार के तौर पर मधुश्रावणी पावनी का महत्वपूर्ण स्थान है। यह पावनि सिर्फ और सिर्फ मिथिला परिक्षेत्र में ही मनाया जाता है । इसीलिए इसका विशेष महत्व बढ़ जाता है । इस अवसर पर कन्याओं द्वारा विवाह के प्रथम वर्ष के श्रावण माह में नाग पूजा कर अपनी सुहाग की दीर्घकामना करती है । उन्होंने बताया कि यह पूजा लगातार तेरह दिनों तक होती है तथा प्रत्येक दिनों की पृथक पृथक कथा होती है । इस पावनि का पौराणिक आधार भी है तथा कुछ प्रचलित दंतकथा को भी आधार बनाकर कथाएं कही है ।इस अवसर पर अड़रिया निवासी समाजसेवी सुनील झा की सुपुत्री पवनैतिन श्वेता झा के यहां आयोजित मधुश्रावणी पर्व में गांव की दर्जनों महिलाएं शमिल हुई । इस अवसर पर पवनैतीन श्वेता झा को टेमी से ठेहुना को दागकर विधि विधान पूर्वक मधुश्रावणी मनाया गया । इस अवसर पर मिथिला में महिलाओं के बीच चना बांटने की भी प्राचीन परम्परा है जो अनवरत जारी है । मधुश्रावणी पर्व के मौके पर अड़रिया दक्षिणवाई टोल निवासी कथावाचक रुबी देवी, जिवछी देवी, सुधीरा देवी, कल्पना झा, त्रिवेणी देवी, जीवछ देवी, सुनीता देवी, सुगंधा देवी, झलक देवी, निर्भय देवी, आशा देवी, हसमुखी देवी, प्रियंका देवी और सरोवर देवी सहित अड़रियासंग्राम के वरिष्ठ समाजसेवी एवं स्वतंत्र पत्रकार गौतम झा “अप्पू ” , सत्यम झा, सुनील झा, अभिषेक झा शामिल थे ।
