क्रांतिज्योति राष्ट्र माता सावित्री बाई फुले जी का 183 वीं जन्म जयंती मनाई गई

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चित्र माल्यार्पण करते
बेनीपट्टी
भारत की पहली महिला शिक्षिका,बालिका विद्यालय के प्रथम जन्मदात्री,क्रांतिज्योति राष्ट्र माता सावित्री बाई फुले जी का 183 वीं जन्म जयंती “ड्रॉ० भीमराव आंबेडकर निशुल्क शिक्षण संस्थान”केशुली में संस्थान के संचालक शीतेश कुमार पासवान के नेतृत्व में मनाया गया है।जिसमें मुख्यातिथि अजीत पासवान”पूर्व मुखिया(ब्रह्मपुरा) सह पूर्व मुखिया संघ अध्यक्ष बेनीपट्टी,लोजपा रामविलास नेता सुधीर पासवान, मा ० प्रहलाद पासवान”अध्यक्ष”ड्रॉ० आंबेडकर एकता मंच”बेनीपट्टी, मा० घूरान कामत”उपसरपंच”अकौर,सुरेंद्र कुमार परसा,बासोपट्टी देव शरण पासवान दिल्ली  सहित दर्जनों लोगों ने तेल चित्र पर पुष्प माला से श्रद्धा सुमन अर्पित किया।संस्था संचालक सितेश कुमार पासवान ने कहा कि महाराष्ट्र के सतारा जिले के नयागांव में एक अछूत परिवार में जन्मी सावित्री बाई भारत की पहली महिला शिक्षिका,पहली मराठा कवियित्री थी।इनके पिता का नाम खंडोजी नैवेसे और माता का नाम लक्ष्मी थी।सावित्री बाई फुले शिक्षक होने के साथ पहली नेता,समाज सुधारिका और मराठी कवियित्री भी थी।इन्हें बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए समाज का कड़ा विरोध झेलना पड़ा था।कई बार तो ऐसा भी हुआ जब इन्हें समाज के ठेकेदार से पत्थर भी खाने पड़े ।मुख्यातिथि अजीत पासवान ने संबोधित करते हुआ कहा कि भारत में आजादी से पहले समाज के अंदर छुआ छूत,सती प्रथा, बाल विवाह और विधवा विवाह जैसी कुरीतिया व्याप्त थी।सावित्री बाई फुले  का जीवन बेहद ही मुश्किल भरा रहा। सर्वजन महिलाओं के उत्थान के लिए काम करने,छुआ छूत के खिलाफ आवाज उठाने के कारण उन्हें एक विशेष बड़े वर्ग द्वारा विरोध भी झेलना पड़ा।वह स्कूल जाती थी तो उनके विरोधी उन्हें पत्थर मारते और उनपर गंदगी फेंकते थे।सावित्री बाई फुले एक साड़ी अपने थैले में लेकर चलती थी और स्कूल पहुंचकर गंदी हुई साड़ी बदल लेती थी।आज से एक सदी पूर्व जब लड़कियों की शिक्षा एक अभिशाप मानी जाती थी।उस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी पुणे में पहला बालिका विद्यालय खोल पूरे देश में एक नई पहल की शुरुआत की थी।सभा को सबोधित किया सुरेश प्रसाद सिंह”पूर्व ग्राम कार्य विभाग”पंकज पासवान,पूर्व जिला परिषद कामेश्वर यादव,नरेश यादव,विमल राय(पूर्व शिक्षक), फिरान पासवान,मो०वसीम अंसारी,मो०मजीद ,प्रभु भगत,पंकज कुमार राम, विनोद कुमार राय,राम प्रसाद पासवान,मो० मोटी अंसारी एवं अन्य।

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