नगर निगम मधुबनी के चुनाव परिणाम के बाद किसको हुआ लाभ, किसको हुआ हानी, चर्चा में डूबा मधुबनी शहर

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मधुबनी
मोहन झा
नगर निगम मधुबनी के चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद शहर में विभिन्न प्रकार की चर्चाएं चौक ,चौराहों, के अलावे बुद्धिजीवी मंडली, राजनीतिक गलियारों में एवं परिवार के चौखट पर सोमवार को दिन भर चलता रहा। आखिर किसको कितना लाभ मिला और किसको कितना हानी हुई। जातीय समीकरण ध्वस्त हो गए, पार्टी के मनोबल चकनाचूर हो गया, तो सामुदायिक विशेष के लोगों को मुंह खानी पड़ी। नगर निगम के प्रथम मेयर पद पर अरुण राय और उप मेयर पद पर अमानुल्लाह खान चुनाव जीतकर नगर निगम मधुबनी के कुर्सी पर काबिज हो गए हैं। सवाल काफी महत्वपूर्ण है कि भारतीय जनता पार्टी मैं आपसी लड़ाई ने पार्टी को काफी कमजोर कर दिया। जिसके कारण उसे मुंह खानी पड़ी। पार्टी ने विष्णु रावत को समर्थन दिया तो मेयर प्रत्याशी शंकर झा और मृत्युंजय झा की पत्नी चुनाव मैदान में कैसे डटे रह गए। जबकि परिणाम सामने है, तीनों प्रत्याशी का माना जाए कि जमानत जप्त हो गया। मधुबनी में पिछले जिला परिषद चुनाव, जनप्रतिनिधि एमएलसी चुनाव मैं भी मुखानी पड़ी थी। मधुबनी में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में आपसी विवाद के कारण पार्टी कमजोर दिख रही है। दूसरी तरफ जातीय समीकरण में सबसे अधिक मतदाता ब्राह्मणों का माना जा रहा था, फिर भी ब्राह्मण प्रत्याशियों का जमानत जप्त हो गया। इस जाति में भी आपसी वर्चस्व को लेकर संघर्ष चलता रहा, जिसके कारण कई ब्राह्मण के दिग्गज प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। एक विशेष समुदाय के मेयर प्रत्याशी जिसको अपनी जीत पक्की होने का दावा कर रहे थे। उन्हें भी राजनीतिक नेताओं के राजनीतिक चाल के कारण पराजय का मुंह देखना पड़ा। जिसका परिणाम नगर निगम मधुबनी के चुनाव परिणाम घोषणा होने के बाद राजद के राज्यसभा सदस्य डॉ फैयाज अहमद के आवास पर असलम अंसारी मेयर प्रत्याशी के समर्थकों के द्वारा पथराव किया गया। आक्रोशित भीड़ ने आवास के मुख्य गेट को काफी क्षति पहुंचाई। इस संबंध में प्राथमिकी भी दर्ज किया गया है। नगर निगम मधुबनी के विकास के नाम पर किसी भी प्रत्याशी ने चुनाव नहीं लड़ा। यह साफ दिख रहा है चुनाव से पहले ही जो प्रत्याशी ने अपनी कला का प्रदर्शन विभिन्न माध्यमों से करते रहे उनकी जीत अंत अंत भारी मतों से हुई है । भले ही उप मेयर पद पर अमानुल्लाह खान की जीत सामाजिक समरसता की जीत है। ज्ञात हो कि नगर निगम मधुबनी का प्रथम चरण के चुनाव हुआ है और मेयर उप मेयर बने हैं। देखना है की मधुबनी शहर की दुर्दशा किस तरह परिवर्तन नए नेताओं के द्वारा किया जाता है। वैसे शहर में सबसे बड़ी समस्या पेयजल, जल निकासी, सड़क जाम, आम शौचालय, आम पेयजल व्यवस्था ,विशेष स्वास्थ्य सुविधा की कमी है । देखना है आने वाला समय मधुबनी को स्मार्ट शहर बनाते हैं या सरकारी धन को लूट कर अपने महल में सुंदरजी करणकर आकर्षक बनाते हैं।

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