प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्रीबाई फुले की 126 वीं परिनिर्वाण दिवस मनाया गया

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चित्र पर पुष्प अर्पित करते
बेनीपट्टी
बेनीपट्टी प्रखंड के ब्रहमपूरा पंचायत के चतरा गांव मे भारत के प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्रीबाई फुले की 126 वीं परिनिर्वाण दिवस पूर्व मुखिया अजित पासवान के नेतृत्व मे मनाई गई। कार्यक्रम में भक्ताओं ने कहा कि देश की पहली महिला शिक्षक जिन्होंने अपना जीवन सिर्फ लड़कियों को पढ़ाने और समाज को ऊपर उठाने में लगा दिया, माता सावित्रीबाई फुले आज सावित्रीबाई फुले की 126वीं परिनिर्वाण दिवस है। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा, महिला सशक्तिकरण के लिए उन्होंने जो किया उसके लिए उन्हें नमन. सावित्रीबाई फुले एक दलित परिवार में पैदा हुई थीं, लेकिन तब भी उनका लक्ष्य यही रहता था कि किसी के साथ भेदभाव ना हो और हर किसी को पढ़ने का अवसर मिले।समाजसेविका जिनका लक्ष्य लड़कियों को शिक्षित करना रहा. सावित्रीबाई का जन्म 3 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र के एक दलित परिवार में हुआ. मात्र नौ साल की उम्र में उनकी शादी क्रांतिकारी ज्योतिबा फुले से हो गई, उस वक्त ज्योतिबा फुले सिर्फ 13 साल के थे।पति क्रांतिकारी और समाजसेवी थे, तो सावित्रीबाई ने भी अपना जीवन इसी में लगा दिया और दूसरों की सेवा करनी शुरू कर दी. 10 मार्च 1897 को प्लेग द्वारा ग्रसित मरीज़ों की सेवा करते वक्त सावित्रीबाई फुले का परिनिर्वाण हो गया। प्लेग से ग्रसित बच्चों की सेवा करते हुए उन्हें भी प्लेग हो गया था, जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई।कार्यक्रम मे मुख्य राजद प्रखंड अध्यक्ष सह वार्ड पार्षद रामवरण राम, नगवास पंचायत के मुखिया, सरपंच पती समाजसेवी अवधेश कुमार, डॉ0 भीमराव अंबेडकर निशुल्क शिक्षण संस्थान के संस्थापक सह पूर्व महासचिव युवा कांग्रेस सितेश कुमार पासवान, मुनीन्द्र नारायण झा, रामकुमार चौधरी ,उपेन्द्र यादव, शोभित पासवान, बीरेन्द्र यादव, कांत मंडल, कारी कामत, मो0 जाहिद सहित अन्य मौजूद रहे।

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