संसार में सभी रिश्तों से ऊंची है मित्रता की रिश्ता -: साध्वी प्रियंका शास्त्री
प्रवचन करते महात्मा
खजौली
प्रखंड के इनरवा गांव स्थित ब्रह्म स्थान परिसर में ग्रामीणों के सहयोग से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन मंगलवार को साध्वी प्रियंका शास्त्री ने श्रीकृष्ण सुदामा की मित्रता का विस्तृत वर्णन किया। उन्होने कहा कि मित्रता में जात-पात, अमीरी-गरीबी, ऊंच-नीच, तथा धर्म एवं मजहब का कोई भेद नहीं होता है। संसार में जितने भी रिश्ता है उसमें सबसे सर्वोत्तम मित्रता का रिश्ता है। यह रिश्ता निश्छल एवं निस्वार्थ तथा परस्पर प्रेम पर आधारित होता है। संसार में मां-बाप, भाई-बहन, पति-पत्नी सहित अन्य जो रिश्ते हैं उसका दायरा है। उसमें पर्दा होना चाहिए। किन्तु मित्रता के रिश्ते में कोई पर्दा नहीं होना चाहिए।जीवन में हर किसी को एक मित्र जरूर होना चाहिए, जिससे वे अपना सुख-दुख बांट सके। श्रीकृष्ण ने सुदामा से मित्रता निभाकर एक मिशाल कायम की। उसने सुदामा जैसे बिप्र को अपना मित्र बनाया। जबकि आज के समय में लोग अपने मित्र से ही दगा करते हैं। जो मित्र के दर्द से दुखी न हो वह मित्र नहीं हो सकता। ज्ञात हो कि बुधवार से यहां अष्टयाम का शुभारंभ होगा तथा गुरुवार को अष्टयाम कर समाप्ति पर साधु एवं बाल भंडारे का आयोजन होगा। इस मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष जगदेव यादव, उपाध्यक्ष देवनारायण सिंह उर्फ गुरू जी, कोषाध्यक्ष अरूण कुमार यादव, उप कोषाध्यक्ष रामाशीष महतो, सचिव इंद्रदेव यादव, उप सचिव असेश्वर यादव, विनोद यादव, सकलदेव यादव, संजीत यादव, यदुनंदन यादव, रामभरोश यादव, विंदेश्वर यादव, विनोद मंडल, राजेंद्र यादव, अशोक यादव, जयवीर यादव, मनोज यादव, सज्जन कुमार, महेश चौधरी, भोगेंद्र यादव, मुकेश कुमार, पंचलाल राम सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु ग्रामीण उपस्थित थे।
