उत्कर्ष महोत्सव नासिक में सम्मानित हुए डॉ.रामसेवक झा

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– त्रिदिवसीय उत्कर्ष महोत्सव में दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने नासिक पहुंचे डॉ.रामसेवक झा 
 नासिक उत्कर्ष महोत्सव में सम्मानित होते हैं डॉ.रामसेवक झा
मधुबनी
भारतीय संस्कृति और संस्कृत के गौरवपूर्ण पुनर्जागरण के लिए कुंभ नगरी नासिक में आयोजित चौथे उत्कर्ष महोत्सव में मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड के बाथ गांव निवासी डॉ.रामसेवक झा हुए सम्मिलित हुए। 8 से 10 जून तकत्रिदिवसीयआयोजित इस उत्कर्ष महोत्सव मेंकामेश्वरसिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति द्वारा डॉ.रामसेवक झा को विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने नासिक भेजे गए थे। इस समारोह में 
देश के विभिन्न संस्कृत विश्वविद्यालय से जुटे विद्वानों ने संस्कृत के विकास व सम्वर्धन के लिए गहन मंथन किये।डॉ. रामसेवक झा ने बताया कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली तथा राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति इन तीनों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस महोत्सव में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, उनके प्रतिनिधियों, विद्वानों और विदुषियों द्वारा दस वर्षीय संस्कृत संवर्धन योजनाओं पर विचार प्रस्तुत किये । संस्कृत के नवाचार, शिक्षण और शोध की दिशा में भावी योजनाओं पर विचार विमर्श कर राष्ट्रीय व वैश्विक संदर्भों में संस्कृत की भूमिका को रेखांकित किया जा रहा है। वहीं मंगलवार को समापन सत्र में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.श्रीनिवास बरखेड़ी, शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो.मदन मोहन झा, कुलसचिव प्रो.मुरली कृष्ण एवं नासिक निदेशक प्रो.निलाभ तिवारी ने  विश्वविद्यालय प्रतिनिधि डॉ.रामसेवक झा को अंगवस्त्र, श्रीफल, पुस्तक, प्रतीक चिह्न आदि से सम्मानित किया।यह उत्कर्ष महोत्सव केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय घोषित होने के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष चक्रानुक्रम से आयोजित की जाती है।

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