ऐतिहासिक रहा दो दिवसीय सौराठ महोत्सव समारोह कार्यक्रम, सरकार के प्रयास से नई पहचान मिली

सौराठ महोत्सव समारोह में कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार
सम्मानित होते कलाकार
सम्मानित होते अभिभावक गण
कार्यक्रम देखते अधिकारी गण
मधुबनी
मोहन झा
सौराठ महोत्सव समारोह कार्यक्रम में दुसरे दिन
गीत संगीत, नृत्य एवं हास्य व्यंग रंगकर्मी सहित राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त कलाकारों के मनमोहक प्रस्तुति से श्रोता झूमते रहे। मिथिला रत्न कुंज बिहारी मिश्र एवं साथियों ने कर्णप्रिय सुमधुर मैथिली लोकगीत गाकर लोगों को आह्लादित किया। इंडियन आइडल के जय झा ने हिन्दी फिल्म संगीत के आधुनिक गीतों पर लोगों ने लुत्फ उठाया। गायिका डोली सिंह ने मैथिली लोकगीत गाकर लोगों को आनंदि ननोंत किया।गायक निखिल महादेव झा, सौम्या मिश्र सहित कलाकारों ने देर रात तक श्रोताओं को समां बांधे रखा।उद्घोषक डा.रामसेवक ठाकुर एवं उद्घोषिका मुस्कान झा के नये अंदाज से मंच संचालन कर लोगों को मनोरंजन किया। मिथिला अक्षर ज्ञान विषय पर आशीष कुमार मिश्र ने बताया कि हमलोग वाट्स एप पर छात्रों को मिथिला अक्षर सिखाने का काम शुरू किया है।

मैथिली भाषा की लिपि सिखने का खास प्रशिक्षण कार्यक्रम में सरकार सहयोग करें तो पुनः मिथिला अक्षर ज्ञान सिखने की ललक लोगों में बढ़ेगा। आयोजित कार्यक्रम में पंजी व्यवस्था पर सेमिनार आयोजित हुई। जिसमें पंजी कार प्रो.दयानंद मिश्र ने वैवाहिक पंजी सिद्धांत के वैज्ञानिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जेनिटकल रूप से पंजी व्यवस्था के मुताबिक विवाह संबंध होता है तो दाम्पत्य जीवन सुखमय एवं आगे पिंढी स्वस्थ रहता है। पंजी व्यवस्था सेमिनार में विश्व मोहन मिश्र, कन्हैया मिश्र, सुमित कुमार मिश्र सहित पंजीकारों ने बताया कि मिथिला श्रेत्र में नये पिढ़ी के युवा वर्ग पौराणिक वैवाहिक पंजी सिद्धांत के प्रति जागरूक करने की जरूरत पर बल दिया। कार्यक्रम में मिथिला चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित किया गया। जिसमें दो दर्जन से अधिक छात्राओं ने पेंटिंग कला प्रतियोगिता में भाग लिया।

लक्ष्मी विलास गुरूकुल के छात्रों ने वेद मंत्र का गायन किया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत सभा विकास समिति के अध्यक्ष कृष्ण कान्त झा गुड्डू एवं सचिव डा.शेखर चन्द्र मिश्र ने पागल दोपटा पहनाकर स्वागत किया।पंजी व्यवस्था सेमिनार में विश्व मोहन मिश्र, कन्हैया मिश्र, सुमित कुमार मिश्र सहित पंजीकारों ने बताया कि मिथिला श्रेत्र में नये पिढ़ी के युवा वर्ग पौराणिक वैवाहिक पंजी सिद्धांत के प्रति जागरूक करने की जरूरत पर बल दिया।

कार्यक्रम में मिथिला चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित किया गया। जिसमें दो दर्जन से अधिक छात्राओं ने पेंटिंग कला प्रतियोगिता में भाग लिया। लक्ष्मी विलास गुरूकुल के छात्रों ने वेद मंत्र का गायन किया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत सभा विकास समिति के अध्यक्ष कृष्ण कान्त झा गुड्डू एवं सचिव डा.शेखर चन्द्र मिश्र ने पागल दोपटा पहनाकर स्वागत किया।सौराठ महोत्सव समारोह में विविध विषयों पर कार्यक्रम आयोजित किया। इसी कड़ी में दूसरे दिन के कार्यक्रम में छात्र एवं छात्राओं के लिए क्वीज प्रतियोगिता आयोजित हुई। जिसमें सप्ताह शहरी मिडिल स्कूल,रिजनल सैकेंडरी स्कूल एवं पोल स्टार के छात्रों ने भाग लिया।प्रथम स्थान रिजनल सैकेंडरी स्कूल के छात्र एवं छात्राओं को मिला।दूसरा स्थान पोल स्टार स्कूल के छात्रों के ग्रुप को मिला। प्रशासन की ओर से प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। पेंटिंग प्रतियोगिता में आधा दर्जन छात्राओं के बनाए गये चित्र को बेहतर स्थान मिला।सौराठ महोत्सव समारोह में छात्रों के उत्साह वर्धन के लिए प्रतियोगिता आयोजित किया गया। जिसमें छात्र एवं छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।