साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार से नवाजी गई मेनका मल्लिक

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कार्यक्रम में सम्मानित होते 
खजौली 
खजौली प्रखंड के कन्हौली मल्लिक टोल निवासी, खजौली की बहू व मैथिली-हिन्दी-नेपाली की कवयित्री, कथाकार, संपादक एवं रंगकर्मी मेनका मल्लिक को वर्ष 2023 का साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार से नवाजा गया है। 12 जुलाई 2024 को भारतीय विद्या भवन, बेंगलुरु में आयोजित एक भव्य समारोह में उन्हें साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक के द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किया गया। पुरस्कार स्वरुप उन्हें चादर, मोमेंटो एवं पचास हजार रुपये नकद राशि प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उन्हें नेपाली भाषा का उपन्यास ‘नीलकण्ठ’ का मैथिली अनुवाद के लिए दिया गया है। यह पुस्तक वर्ष 2021 में साहित्य अकादमी से प्रकाशित हुई थी। ज्ञातव्य है कि इस पुरस्कार के लिए वर्ष 2017 से वर्ष 2021 के बीच देश की अन्य भाषाओं से मैथिली में अनुदित किताबों में अंतिम रुप से चयनित ग्यारह पुस्तकों में सर्वश्रेष्ठ अनुवाद के रूप में ‘नीलकण्ठ’ का चयन किया गया। ‘नीलकंठ’ नेपाली भाषा का एक सामाजिक उपन्यास है। इसमें आंतरिक और बाह्य संघर्षों का अद्भुत समायोजन है। औरों के दुख के साथ अपने दुखों को पीकर नीलकण्ठ बने व्यक्ति के जय-पराजय की कहानी इस उपन्यास में है। इससे पूर्व मेनका मल्लिक को काव्य-लेखन के लिए ‘जागरण सम्मान’, रंगमंच में योगदान के लिए ‘अपराजिता सम्मान’ और मैथिली कथा संग्रह  स्त्री, राति आ प्लेटफार्म नम्बर तेरह’ के लिए ‘ज्योत्स्ना सम्मान‌ 2022 से सम्मानित किया गया है। इधर मेनका मल्लिक को साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार प्रदान किये जाने से स्वजन काफी गदगद है। वे फिलहाल अपने पति के साथ बेगूसराय में रह रही हैं। स्वजन उन्हें मोबाइल से बधाई दे रहे हैं।

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