14 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को अनिवार्य शिक्षा दिलाने की जिम्मेवारी हम सबकी है :-डीएम

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हरी झंडी दिखाते डीएम
मधुबनी
समाहरणालय मधुबनी परिसर से अरविंद कुमार वर्मा जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा बाल श्रम के विरुद्ध जन जागरूकता हेतु चार प्रचार वाहनों एवं मधुबनी सदर अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु विशेष धावा दल टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। जिलाधिकारी ने कहा की 14 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को अनिवार्य शिक्षा दिलाने की जिम्मेवारी हम सबकी है तथा समाज के सभी व्यक्तियों को इस संबंध में अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी तभी सब बच्चों का बचपन एवं भविष्य सुरक्षित हो सकता है।इस मौके पर श्रम अधीक्षक राकेश रंजन, सभी प्रखंडों के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी तथा विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

जिला पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि बच्चों से काम कराना अपराध है तथा बच्चों से काम करने वाले नियोजकों के विरुद्ध कठोर कानूनी कारवाई की जाएगी। उन्होंने कहा की बच्चों का स्थान स्कूल एवम खेलकूद के मैदान में है न की किसी होटलढावा, मोटर गैरेज एवं फैक्ट्री आदि में है। जिलाधिकारी ने मधुबनी जिलें के सभी लोगों से अपील किया की वे किसी भी बच्चें से काम नहीं कराएं।जिला पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि मधुबनी जिले में बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु धावा दल गठित है तथा श्रम अधीक्षक के पर्यवेक्षण में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्डलाइन, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट तथा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं की समेकित टीम के द्वारा धावा दल के माध्यम से अलग-अलग प्रखंडों में निरीक्षण की कार्रवाई की जाती है तथा बाल श्रमिक के नियोजित पाए जाने पर उन्हें नियमानुसार बिमुक्त कराकर बाल कल्याण समिति मधुबनी के समक्ष उपस्थापित कर उनके पुनर्वास की अग्रेतर कार्रवाई की जाती है। साथ ही दोषी नियोजकों के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जाती है।जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों से काम कराने वाले व्यक्ति किसी भी स्थिति में बख्शे नहीं जाएंगे तथा ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी । उन्होंने कहा कि बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु श्रम अधीक्षक के नेतृत्व में धावा दल की टीम अच्छा कार्य कर रही है।जिलाधिकारी ने बताया कि बाल श्रम से संबंधित जिला स्तर पर जिला टास्क फोर्स गठित है जिसके माध्यम से बाल श्रमिकों की विमुक्ति एवं पुनर्वास पर सतत निगरानी रखी जाती है ।

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